Wednesday, August 5, 2020

मुस्कराहट संक्रामक है (infectious smile)

" मुस्कराहट संक्रामक है " (infectious smile)
" मुस्कराहट संक्रामक है " (infectious smile)
hindi poetry
" मुस्कराहट संक्रामक है " (infectious smile)

जब भी कोई हँसता दिखता
गौर करना अपने ऊपर
हो सके तो 
देख लेने आईने पर
तुम पाओगे अपने को भी हँसता 

चिंता, व्यथा और दुःख में ग्रसित 
हम भूल ही गये हैं हंसना 
जब भी बच्चे, दिखते हैं हँसते 
तंज-कस, हम कहते है 
अभी बच्चे हो !
बड़े होकर, भूल जाओगे हंसना 

पर अन्तर्मन में 
पछताते भी हैं कि
काश ! हम भी बच्चे होते 

बस होश चाहिए,
पल-पल 
जीवन जीने का, हँसने- हँसाने का 
कुछ फर्क नहीं !
बचपन, जवानी, बुढ़ापे का 

तुराज 

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