Sunday, August 30, 2020

चमकता तारा गगन में (shining star in the sky)

On the path your memories are like a firefly. The path shows me. You are the life of my life. hindi poetry dedicated to Pandit Jasraj ji

चमकता तारा गगन में (Shining star in the sky) (Hindi Poetry)
गुरुदेव ( प. जसराज जी ) (Pandit Jasraj Ji) को भाव-पूर्ण विदाई।

चमकता तारा गगन में (Shining star in the sky) (Hindi Poetry)
hindi poetry

चमकता तारा गगन में  (Shining star in the sky)
अक्सर ही
अस्त हुआ सूरज
घाटी पर
काली चादर सी
डाल जाता है।

तब अस्त हुआ सूरज
मुझको
बहुत याद आता है।

अमावस की रातों के
घुप्प अंधेरे में
सरकती नागिन के
झोंकों से
गर पत्ता भी उड़ जाये तो
थर-थर 
दिल तक कंप जाता है।

जब भी "तूराज़"
भटका है पथ पर
उसकी यादें
जुगनू बनकर
घर तक मुझको ले आयी हैं।

रोशन जब तक भी
हो सूरज
सानिध्य में उसके 
समेट लो 
जीवन-ऊर्जा को
वह तो देने ही आया है।

उदय-अस्त का 
खेल निराला
यह तो अटल है,
होना ही है

पर फिर भी वह
अपने बोलों की, 
अपने यादों की मणियां
जुग-जुगान्तर तक
हम पर ही छोड़ गये हैं।

मौत रूपी बादल
कब ढक पाये हैं तारों को
बदरी छट भी नहीं पाती
कि
तारे फिर टिम-टिम
करने लग जाते हैं।

तूराज़...

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