अमावस रूपी काली नागिन ने
दस्तक दे डाली देहली पर
कुछ करना थोड़े ही है
बस जुगनू बन जाएँ
आओ मिलकर दीप जलाएँ
मन्द पड़ती जाती मुस्कानों पर,
परदा सा खिंचता जाता है जीवन पर
तो थोड़ा सा संगीत बजा लें,
आओ मिलकर दीप जला लें
दस्तक दे डाली देहली पर
कुछ करना थोड़े ही है
बस जुगनू बन जाएँ
आओ मिलकर दीप जलाएँ
मन्द पड़ती जाती मुस्कानों पर,
परदा सा खिंचता जाता है जीवन पर
तो थोड़ा सा संगीत बजा लें,
आओ मिलकर दीप जला लें
तालों की थिरकन से, मन डोलेगा जब भी
कोंध जाएगी, नई किरण कहीं कोने से
अंधेरा अपने से ही, मिट जायेगा मन से
तो, क्यों न थोड़ा संगीत बजा लें
आओ मिलकर दीप जला लें
दीपावली पर दीप जलेंगे
तब तक क्या इंतजार करेंगे
अंधेरा आज है,
क्यों न आज ही मना लें
आओ मिलकर दीप जला लें
तूराज़..........
कोंध जाएगी, नई किरण कहीं कोने से
अंधेरा अपने से ही, मिट जायेगा मन से
तो, क्यों न थोड़ा संगीत बजा लें
आओ मिलकर दीप जला लें
दीपावली पर दीप जलेंगे
तब तक क्या इंतजार करेंगे
अंधेरा आज है,
क्यों न आज ही मना लें
आओ मिलकर दीप जला लें
तूराज़..........
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