सब को नमस्कार है, सब कुछ स्वीकार है।प्रथम नमन शरीर दिया जिनलालन-पालन, सुख-दुख का बोझ लिया जिनप्राण-नूर भरा, परम-पुरुष नेउस नूरी स्वरूप कोनमस्कार है, सब कुछ स्वीकार है।धरती के भीतर, धरती और अम्बर परकितना अद्भुत दृश्य रचाकरभांति-भांति के आकार बनायेखुद ही पैदा भी करते, लालन-पालन भीफिर जीव-जीव को खाते भीदेख कण-कण में बैठ तमाशाहंसता भी है, और रोता भीसब रूपों में लीला करने वालों कोनमस्कार है, सब कुछ स्वीकार है।जीवन की इस छोटी सी बगिया मेंनाना फूल खिले हैं, सब अपने से लगते हैंमोरों का नृत्य है, रसगान कोयल काभौरों की गुंजन, अटखेल तितलियों कादूर फिजा में महके, जीवन की खुशबूसब कुछ पल-भर कोहरा-भरा, तरो-ताज़ा सा दिखता हैअगले ही पल, कुम्हलाता सा है जीवनकोई पास नहीं है अब इसकेधरती पर गिर, मिट्टी में दब जाता है जीवनफिर खिल उठता , नये रूप मेंरहट सा चलता जाता है जीवनना " तूराज़ " ने मांगा था जीवनना ही सुख-दुख, भाग्य-नियतिजब सब-कुछ " कर्ता " का करा करायातो जैसा भी है, मुझे स्वीकार है।सबको नमस्कार है। सबको नमस्कार है।तूराज़.....…
Monday, July 20, 2020
जीवन की स्वीकृति "acceptance of life"
जीवन की स्वीकृति "acceptance of life"
July 20, 2020
hindi poetry, life
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