Tuesday, July 28, 2020

बेवजह-बेचैनी (restlessness - without reason)

restlessness-without-reason
restlessness-without-reason

बेवजह-बेचैनी (restlessness - without reason)
(hindi poetry)
कितना कहने को है 
कोई सुनता हो 
तब तो..

क्यों भागे जाते हो 
थोड़ा सांस
तो ले लो ....

एक दिन ऐसा ही
होने वाला है
तुम तो होंगे
पर सांस नहीं होगी
फिर क्यों अफरा-तफरी 
मचाते हो 

जीवन की बाती का तेल 
चुका जाता है 
तुम क्यों 
रोना-रोते रहते हो 

होने दो 
जो भी होना है 
जिसका है, वो जाने 
तुम क्यों 
अपनी तंग अड़ाते हो 

तुम सुब जगह 
अपनी चलाते हो .....

तुराज 


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